"कलाई से राखी कब उतारें? वो राज़ जो हर भाई-बहन को जानना चाहिए"

“कलाई से राखी कब उतारें? वो राज़ जो हर भाई-बहन को जानना चाहिए”

“कलाई से राखी कब उतारें? वो राज़ जो हर भाई-बहन को जानना चाहिए”

"कलाई से राखी कब उतारें? वो राज़ जो हर भाई-बहन को जानना चाहिए"
“कलाई से राखी कब उतारें? वो राज़ जो हर भाई-बहन को जानना चाहिए”https://bhakti.org.in/rakhi-kab-utarna-shubh/

प्रस्तावना

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और रक्षा-संस्कार का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र या राखी बांधती हैं, और भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं। यह धागा केवल एक रंगीन धागा नहीं, बल्कि आशीर्वाद, विश्वास और रक्षा का प्रतीक होता है। लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि – राखी का धागा कलाई से कब उतारना चाहिए? क्या इसे किसी खास दिन या समय पर ही हटाना चाहिए?

राखी का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में रक्षा-सूत्र को देवताओं की कृपा और बुरी शक्तियों से रक्षा का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जब बहन राखी बांधती है, तो वह केवल एक रस्म नहीं निभाती, बल्कि उसमें अपने प्रेम, आशीर्वाद और मंगलकामना को बांध देती है। यही कारण है कि राखी बांधने के बाद इसे तुरंत उतारना शुभ नहीं माना जाता।


शास्त्रीय मान्यता – कब उतारें राखी

धार्मिक मान्यता के अनुसार, राखी का धागा कम से कम 8 से 15 दिन तक हाथ में रखना चाहिए। इसे उतारने के लिए किसी शुभ दिन, पर्व या व्रत का इंतजार करना अच्छा होता है।

अलग-अलग परंपराओं में इसके लिए अलग-अलग दिन माने गए हैं:

1. पूर्णिमा से अगले पर्व तक – कई जगहों पर भाई राखी को अगले बड़े त्योहार, जैसे कृष्ण जन्माष्टमी या गणेश चतुर्थी के दिन उतारते हैं।


2. श्रावण पूर्णिमा से श्रावण महीने के अंत तक – कुछ लोग इसे पूरे श्रावण महीने भर पहनते हैं और महीने के अंत में नदी या बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं।


3. भाद्रपद अमावस्या या पितृपक्ष से पहले – कई घरों में राखी को भाद्रपद अमावस्या के दिन उतारकर पीपल के पेड़ या नदी में चढ़ा दिया जाता है।

उतारने का सही तरीका

राखी को उतारने के भी अपने नियम हैं:

राखी को कभी भी फाड़कर या तोड़कर न फेंकें, क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है।

इसे उतारते समय मन ही मन बहन के लिए आशीर्वाद और मंगलकामना करें।

उतरी हुई राखी को पीपल या बरगद के पेड़ की जड़ में रखें, या फिर बहते जल में प्रवाहित करें।

यदि संभव हो तो इसे घर के मंदिर में कुछ दिनों तक रखकर बाद में विसर्जित करें।

अत्यधिक समय तक न रखें

हालांकि राखी को लंबे समय तक रखना भावनात्मक रूप से अच्छा लगता है, लेकिन बहुत पुराना हो जाने पर धागा कमजोर हो जाता है और कहीं गिर भी सकता है, जिससे अनजाने में अनादर हो सकता है। इसलिए इसे समय पर उतारकर उचित विधि से विसर्जित करना ही बेहतर है।


वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो राखी में प्रयोग होने वाले धागे, मोती या सजावट लंबे समय तक हाथ में रहने पर गंदगी और बैक्टीरिया को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे त्वचा पर एलर्जी हो सकती है। इस कारण भी इसे समय पर उतारना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

भावनात्मक पहलू

बहुत से भाई राखी को लंबे समय तक इसलिए पहनते हैं, क्योंकि यह उन्हें बहन के प्रेम और त्योहार की याद दिलाता है। जब इसे उतारते हैं, तो अक्सर भावुक हो जाते हैं। लेकिन बहनों का प्यार तो धागे में नहीं, बल्कि दिल में बसा होता है, इसलिए राखी का सम्मान करते हुए इसे उचित दिन पर उतारना ही सही है।

संक्षेप में नियम

कम से कम 8 दिन तक राखी हाथ में रखें।

किसी शुभ दिन, पर्व या व्रत पर इसे उतारें।

फाड़ें या फेंके नहीं, विसर्जन करें।

बहन के लिए मंगलकामना करना न भूलें।


समापन

राखी का धागा भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इसे उतारने का सही समय और तरीका जानना उतना ही जरूरी है, जितना इसे सम्मानपूर्वक पहनना। क्योंकि धागा भले ही कलाई से उतर जाए, लेकिन उसके साथ जुड़ा प्रेम और आशीर्वाद जीवनभर हमारे साथ रहता है।


 

 

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