Pauranik Kathayen: कैसे हुआ था पवन पुत्र हनुमान का जन्म, पढ़ें यह पौराणिक कथा

Pauranik Kathayen: कैसे हुआ था पवन पुत्र हनुमान का जन्म, पढ़ें यह पौराणिक कथा

Pauranik Kathayen

माता अंजना एक अप्सरा थीं, जो ऋषि के श्राप से वानरी रूप में थीं। उन्होंने घोर तपस्या की और भगवान शिव से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने कहा, “मैं स्वयं तुम्हारे पुत्र के रूप में जन्म लूंगा।”

उसी समय, जब माता अंजना प्रसाद ग्रहण कर रही थीं, पवन देव ने शिवजी के तेज को उनके गर्भ में स्थापित किया। इस तरह, हनुमान जी पवन पुत्र के रूप में प्रकट हुए और उन्हें अपार बल, बुद्धि और भक्ति का आशीर्वाद मिला।

हनुमान जी का जन्म केवल एक साधारण घटना नहीं थी। वे भगवान श्रीराम की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए अवतरित हुए थे। बचपन से ही उनकी शक्ति अद्भुत थी। उन्होंने सूर्य को फल समझकर पकड़ने का प्रयास किया और इंद्रदेव के वज्र से भी अडिग रहे।

इस प्रकार, हनुमान जी का जन्म केवल एक दिव्य घटना नहीं, बल्कि धर्म की रक्षा और श्रीराम की भक्ति के लिए हुआ था। वे शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं।
अगर आपको यह कथा पसंद आई हो तो चैनल को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें। जय श्री राम! जय बजरंगबली!

1 thought on “Pauranik Kathayen: कैसे हुआ था पवन पुत्र हनुमान का जन्म, पढ़ें यह पौराणिक कथा

Leave a Comment

" भक्ति ज्ञान में आपका स्वागत है। यह एक भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का मंच है, जहाँ हम आपको वेदों, पुराणों, उपनिषदों, श्रीमद्भागवत गीता, रामायण, संत वाणी और मंत्रों के माध्यम से आत्मिक शांति की ओर ले चलते हैं। यहाँ हर शब्द, हर श्लोक, और हर कथा आपकी आत्मा को छूने के लिए है।"