माँ कामाख्या देवी: अद्भुत शक्ति का रहस्यमयी धाम

माँ कामाख्या देवी: अद्भुत शक्ति का रहस्यमयी धाम

माँ कामाख्या देवी: अद्भुत शक्ति का रहस्यमयी धाम

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भारत के उत्तर-पूर्वी प्रदेश असम के नीलांचल पर्वत पर स्थित है एक चमत्कारी शक्तिपीठ — माँ कामाख्या का मंदिर। यह स्थान केवल एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि शक्ति, साधना और रहस्य का जीवित प्रमाण है।

माँ कामाख्या, आदि शक्ति सती का ही वह स्वरूप हैं, जिनके प्रतीकस्वरूप योनि अंग यहाँ प्रतिष्ठित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने सती के शरीर को अपने कंधे पर उठाकर विक्षिप्त अवस्था में तांडव किया था, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंडित किया। जहाँ-जहाँ सती के अंग गिरे, वहाँ शक्तिपीठों की स्थापना हुई। उन्हीं में से एक सर्वाधिक शक्तिशाली पीठ है — कामाख्या धाम।

कामाख्या नाम का अर्थ है — “कामना की आख्या” अर्थात जो हमारी सच्ची इच्छाओं को जानकर उन्हें पूर्ण करती हैं। माँ कामाख्या साधना, तंत्र और रहस्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। साधक यहाँ आकर कठिन तपस्या और साधना करते हैं ताकि उन्हें सिद्धि और माँ का आशीर्वाद प्राप्त हो।

अम्बुबाची मेला:
माँ कामाख्या धाम का सबसे बड़ा और अनूठा उत्सव है अम्बुबाची मेला, जो हर वर्ष जून महीने में आयोजित होता है। इस समय ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी माता और माँ कामाख्या स्वयं रजस्वला होती हैं। तीन दिन के लिए मंदिर का द्वार बंद रहता है और उसके बाद जब पट खुलते हैं, तो भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यह त्योहार जीवन के मूल स्रोत — सृजन शक्ति — का महोत्सव है।

माँ कामाख्या का आध्यात्मिक महत्व:
माँ कामाख्या साधारण भक्ति का विषय नहीं हैं। वे चेतना के उस स्तर का प्रतिनिधित्व करती हैं, जहाँ इच्छाएँ, साधना और मुक्ति एक साथ मिलते हैं। यहाँ केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि आत्मा की गहन साधना होती है। तांत्रिकों और साधकों के लिए यह स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भक्तों के अनुभव:
कहते हैं कि जो श्रद्धा और समर्पण से माँ का स्मरण करता है, उसके जीवन से संकट, भय और अज्ञान का अंधकार दूर हो जाता है। माँ अपने भक्तों को केवल भौतिक सुख ही नहीं देतीं, बल्कि उन्हें आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी दिखाती हैं।

माँ कामाख्या से विनती:
“हे माँ! हमारे जीवन से मोह, भय और दुख का अंधकार दूर करो। हमें आत्मज्ञान, प्रेम और शक्ति प्रदान करो। हमें अपने चरणों की सेवा में स्थिर रहने का वरदान दो।”

कामाख्या देवी के दर्शन मात्र से हृदय में ऐसी शांति का अनुभव होता है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

माँ का आशीर्वाद हम सभी पर सदा बना रहे।

जय माँ कामाख्या! जय महाशक्ति!

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