उत्तराखंड का अनोखा गणेश मंदिर – जहां भगवान गणेश का टूटा हुआ दांत है पूजनीय!”
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उत्तराखंड की वादियों में बसा एक अनोखा मंदिर है, जो भगवान गणेश के **एकदंत रूप** को समर्पित है। यहां भगवान गणेश की मूर्ति में एक दांत टूटा हुआ है — और यही इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश ने एक बार महाभारत लिखने के लिए अपना एक दांत स्वयं तोड़ दिया था। इसी कारण उन्हें “एकदंत” कहा जाता है। उत्तराखंड में स्थित यह मंदिर उसी रूप का प्रतीक है, जहां भगवान गणेश का टूटा हुआ दांत श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां आकर कोई भी भक्त अपने मानसिक और बौद्धिक कष्टों से मुक्ति पा सकता है। छात्रों, लेखकों, और विद्वानों के लिए यह स्थान विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है।
मंदिर का वातावरण शांत, दिव्य और ऊर्जावान है। पर्वों, विशेषकर **गणेश चतुर्थी**, पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि अपूर्णता में भी दिव्यता बसती है। भगवान ने स्वयं अधूरापन अपनाकर संपूर्णता का मार्ग दिखाया।
यदि आप उत्तराखंड आएं, तो इस एकदंत गणेश मंदिर के दर्शन अवश्य करें – यह अनुभव आपको भीतर से बदल सकता है।