उत्तराखंड का वो मंदिर, जहाँ मात्र दर्शन से मिट जाती है गरीबी

भारत के उत्तर में…हिमालय की गोद में बसा एक ऐसा मंदिर है,जो आज भी करोड़ों भक्तों के जीवन को बदल रहा है।एक ऐसा मंदिर…
जहाँ सिर्फ दर्शन भर करने से गरीबी, दरिद्रता, और दुःख छू भी नहीं पाते।
इस चमत्कारी मंदिर का नाम है –
“कोटेश्वर महादेव मंदिर”, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित।कहा जाता है कि यह मंदिर स्वयं भगवान शिव द्वारा स्थापित किया गया था।
यहाँ उन्होंने खुद प्रकट होकर, उन साधकों को वरदान दिया जो दरिद्रता से जूझ रहे थे।
यहाँ एक गुफा है — जिसमें शिवलिंग स्वयंभू रूप से प्रकट हुआ था।गुफा की छत से टपकता जल, आज भी शिवलिंग को नित्य अभिषेक करता है।यह कोई साधारण मंदिर नहीं…यह दारिद्र्य हरण मंदिर है —जहाँ जो भी श्रद्धा से आता है, खाली नहीं लौटता।
“यहाँ आने वाले की झोली भरते हैं भोलेनाथ”
प्राचीन कथा
पुराणों में वर्णन मिलता है कि एक निर्धन ब्राह्मण, जिनके पास खाने को अन्न नहीं था,एक दिन इस गुफा में आकर रो पड़ा।भोलेनाथ प्रकट हुए और बोले:
> “जहाँ भाव है, वहाँ मैं हूँ।तेरा दुःख अब मेरा है।तू आज से मेरा भक्त है — और दरिद्रता तुझसे कोसों दूर।”कहते हैं, उस दिन के बाद उस ब्राह्मण के घर में अन्न, वस्त्र और धन की कभी कमी नहीं हुई।
यह मंदिर आज भी गरीबों का आश्रय,भक्तों की आस्था का केंद्र,और भोलानाथ की जीवित उपस्थिति का प्रमाण है।
जो भी यहाँ सच्चे मन से आता है —वह केवल दर्शन करता है और लौटते ही चमत्कार घटता है।
कोटेश्वर महादेव – जहाँ शिव खुद गरीबी का नाश करते हैं”]
यह मंदिर हर उस व्यक्ति को बुलाता है,जो जीवन में हार चुका हो…जो दुखों से टूटा हो…जो धन, भोजन और शांति की तलाश में हो।
क्या करना चाहिए?
1. यहाँ आकर गुफा के शिवलिंग के दर्शन करें।
2. “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें – कम से कम 108 बार।
3. जल, दूध या बेलपत्र चढ़ाकर अपनी प्रार्थना करें।
4. फिर शांत बैठकर आँखें बंद करें – शिव की उपस्थिति को अनुभव करें।
आप देखेंगे…
कुछ ही समय में आपके जीवन में ऐसा परिवर्तन आएगा,
जो सिर्फ आस्था से संभव है।
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