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“पांव रखने से पावन हुआ |जानिए गुरुद्वारा पांवटा साहिब के नाम की दिव्य कथा”

“पांव रखने से पावन हुआ |जानिए गुरुद्वारा पांवटा साहिब के नाम की दिव्य कथा”

 
"पांव रखने से पावन हुआ |जानिए गुरुद्वारा पांवटा साहिब के नाम की दिव्य कथा"
“पांव रखने से पावन हुआ |जानिए गुरुद्वारा पांवटा साहिब के नाम की दिव्य कथा”https://bhakti.org.in/गुरुद्वारा-पांवटा-साहिब/

गुरुद्वारा श्री पौंटा साहिब हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक प्रख्यात गुरुद्वारा है. गुरुद्वारा श्री पौंटा साहिब सिखों के दसवें गुरु , गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में बनाया गया था

 

 

गुरुद्वारा श्री पौंटा साहिब का इतिहास

इस गुरुद्वारे के धार्मिक महत्व का एक उदाहरण है यहाँ पर रखी हुई “पालकी” जो कि शुद्ध सोने से बनी है और किसी एक भक्त ने ये यहाँ दानस्वरुप बनवाई थी

पौंटा’ शब्द का अर्थ होता है – ‘पैर’ . इस जगह का नाम इसके अर्थ के अनुसार सर्वश्रेष्ठ महत्व रखता हैं. कहा जाता है की सिख गुरु गोबिन्द सिंह जी अश्व रोहण करके यहाँ से गुजर रहे थे और वो इसी जगह पहुँच कर रुक गए थे और इस जगह को पवित्र माना जाने लगा. इसलिए ” पाओं” और “टीके” को मिलाकर “पाओंता” नाम दिया गया था.

 

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