“जब प्रकृति क्रोधित होती है – तबाही जन्म लेती है”

"जब प्रकृति क्रोधित होती है – तबाही जन्म लेती है"

“जब प्रकृति क्रोधित होती है – तबाही जन्म लेती है” “जब प्रकृति क्रोधित होती है – तबाही जन्म लेती है” पहाड़ कभी चुप नहीं रहते पहाड़ कभी चुप नहीं रहते, बस सहते हैं,  पेड़ों की चीखें, नदियों की सिसकियां – सब कहते हैं। कभी मंदिर इधर किया, कभी उधर किया,  जिन देवताओं ने रक्षा की, … Read more