पाप छोटा हो या बड़ा, क्यों भोगना पड़ता है

पाप छोटा हो या बड़ा, क्यों भोगना पड़ता है?

पाप छोटा हो या बड़ा, क्यों भोगना पड़ता है? “पाप चाहे एक बूँद हो या समंदर… परिणाम से कोई नहीं बच सकता।” मनुष्य जीवन बड़ा विचित्र है।हम हर दिन असंख्य कर्म करते हैं—कभी सोचकर, कभी अनजाने में।कभी भावनाओं में बहकर, तो कभी स्वार्थ में डूबकर।लेकिन जो बात हम अक्सर भूल जाते हैं,वो ये है कि—हर … Read moreपाप छोटा हो या बड़ा, क्यों भोगना पड़ता है

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