क्या भगवान भाव से खुश होते हैं या भोग से? जानिए कन्नप्पा की सच्ची कथा”
कहते हैं — “भक्ति में शक्ति है, पर सच्ची भक्ति वही है जिसमें भाव हो।”यह वाक्य केवल शब्द नहीं, बल्कि भगवान के प्रति अखंड प्रेम और निष्कपट समर्पण का सार है।क्योंकि भगवान के लिए सोने-चाँदी, भव्य पूजा या हजारों दीपक का कोई अर्थ नहीं,उनके लिए मायने रखता है — भक्त का हृदय और उसका भाव।आज…