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29 मार्च को चार मुखी दीपक जलाने का महापावन महत्व – बदल सकती है किस्मत!

29 मार्च को चार मुखी दीपक जलाने का महापावन महत्व – बदल सकती है किस्मत!

“ॐ हुम्मते नमः! स्वागत है आप सभी का हमारे इस आध्यात्मिक सफर में। आज हम आपको बताएंगे 29 मार्च को चार मुखी दीपक जलाने के अद्भुत लाभों के बारे में।”

29 मार्च की रात चार मुखी दीपक जलाने से जीवन में आती है सुख, समृद्धि और शांति।https://bhakti.org.in/charmukhi-diya-importance-29march/ ‎

29 मार्च का दिन भारतीय सनातन परंपरा में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन चार मुखी दीपक जलाने की परंपरा है, जिसे धर्मशास्त्रों में विशेष स्थान दिया गया है। कहा जाता है कि इस दिन यदि कोई व्यक्ति श्रद्धा और नियम से चार मुख वाला दीपक जलाता है, तो उसके जीवन में सुख, समृद्धि, धन, और शांति का वास होता है। यह दीपक केवल एक साधारण दीपक नहीं होता, बल्कि यह चार दिशाओं में शुभ ऊर्जा का प्रसार करता है।

 चार मुखी दीपक क्या होता है?

चार मुखी दीपक यानी ऐसा दीपक जिसमें चार दिशाओं में चार मुख बने हों और चारों ओर से प्रकाश निकलता हो। इसे अक्सर मिट्टी या पीतल से बनाया जाता है। हर मुख में घी या तेल डाला जाता है और चारों बातियाँ एक साथ जलाई जाती हैं। यह दीपक ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सूर्य का प्रतीक माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार दीपक का प्रत्येक मुख एक दिशा और एक देवता का प्रतिनिधित्व करता है:

  1. पूर्व दिशा – ब्रह्मा जी (ज्ञान और सृजन शक्ति)

  2. पश्चिम दिशा – विष्णु जी (पालन और जीवन में संतुलन)

  3. उत्तर दिशा – महेश यानी शिव जी (संहार और बुराइयों का नाश)

  4. दक्षिण दिशा – सूर्य देव (ऊर्जा और तेज का स्रोत)

जब चार मुख वाला दीपक एक साथ प्रज्वलित होता है, तो यह चारों दिशाओं में शुभ ऊर्जा का प्रवाह करता है।

 29 मार्च को ही क्यों जलाया जाता है चार मुखी दीपक?

हिंदू पंचांग के अनुसार 29 मार्च का दिन कई बार ऐसे शुभ योग लेकर आता है जब ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का संयोग विशेष फलदायी होता है। इस दिन चार मुखी दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का वास होता है।

इस दिन अमावस्या, पूर्णिमा या प्रदोष व्रत जैसी तिथियाँ भी पड़ सकती हैं, जो दीप प्रज्वलन के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 चार मुखी दीपक जलाने की विधि

  1. सबसे पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूजन स्थान को साफ करें और पवित्र जल से छिड़काव करें।

  3. मिट्टी या पीतल का चार मुखी दीपक लें।

  4. उसमें शुद्ध घी या तिल का तेल भरें।

  5. चार बातियाँ बनाएं और उन्हें दीपक के चारों मुखों पर रखें।

  6. दीपक को भगवान विष्णु, लक्ष्मी या शिव जी के सामने रखें।

  7. “ॐ दीपज्योतिषे नमः” मंत्र का जाप करें।

  8. दीपक जलाते समय मन में अपने जीवन की शुद्धता, समृद्धि और शांति की कामना करें।

 दीपक जलाने के लाभ

चार मुखी दीपक जलाने का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी है।

  1. मानसिक शांति: दीपक की लौ देखने से मन शांत होता है और ध्यान केंद्रित होता है।

  2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: चारों दिशाओं में प्रकाश फैलने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।

  3. आर्थिक प्रगति: लक्ष्मी जी की कृपा से धन संबंधित बाधाएँ दूर होती हैं।

  4. स्वास्थ्य लाभ: घी या तिल के तेल का दीपक वातावरण को शुद्ध करता है।

  5. आध्यात्मिक उन्नति: यह साधना और ध्यान की शक्ति को बढ़ाता है।

 धार्मिक मान्यता

पुराणों में कहा गया है कि “दीपक केवल प्रकाश का स्रोत नहीं, बल्कि ईश्वर का स्वरूप है।”
चार मुखी दीपक जलाना ब्रह्मांड की चार शक्तियों — सृजन, पालन, संहार और ऊर्जा — का पूजन है।

स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि –“जो भक्त चार मुख वाला दीपक जलाता है, वह चारों दिशाओं से सुख और सौभाग्य को आकर्षित करता है।”

इसी कारण 29 मार्च की रात घर के मंदिर, तुलसी के पौधे या मुख्य द्वार पर चार मुख वाला दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है।

किस दिशा में रखें दीपक

चार मुखी दीपक हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके जलाना चाहिए।

चार मुखी दीपक और जीवन के चार लक्ष्य

हिंदू धर्म में जीवन के चार पुरुषार्थ माने गए हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
चार मुख वाला दीपक इन चारों लक्ष्यों का प्रतीक है।

इस दीपक को जलाने से व्यक्ति के जीवन में ये चारों लक्ष्य संतुलित रूप में पूरे होते हैं।

 सावधानियाँ

  1. दीपक हमेशा शुद्ध भाव से जलाएँ, दिखावे के लिए नहीं।

  2. दीपक की बाती बुझनी नहीं चाहिए, इसलिए तेल पर्याप्त मात्रा में डालें।

  3. दीपक जलाने के बाद उसे बिना फूँक मारे बुझाना अपवित्र माना गया है।

  4. दीपक को किसी गंदे स्थान या नालियों के पास न रखें।

 

29 मार्च को चार मुखी दीपक जलाना केवल एक पूजा क्रिया नहीं है, यह आत्मिक और ऊर्जात्मक साधना है। यह हमारे जीवन में संतुलन, शांति और सम्पन्नता लाने का सरल और प्रभावी उपाय है।जब चारों दिशाओं में प्रकाश फैलता है, तो अंधकार अपने आप समाप्त हो जाता है। यही संदेश यह दीपक देता है —“जहाँ प्रकाश है, वहाँ अंधकार का कोई अस्तित्व नहीं।”

इसलिए, 29 मार्च की रात श्रद्धा और आस्था के साथ चार मुखी दीपक जलाएँ और अपने जीवन में ईश्वर के प्रकाश को अनुभव करें।


 मन की एकाग्रता बढ़ती है।
 शिक्षा और करियर में सफलता मिलती है।
 ग्रह दोष शांत होते हैं।
 नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

तो भक्तों, 29 मार्च को इस दिव्य उपाय को अपनाकर अपने जीवन में शुभता लाएं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।””अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी तो  लाइक करें, और कमेंट में ‘हर हर महादेव’ लिखना न भूलें!”

 

 

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