शनिवार को क्या करें जिससे शनि देव प्रसन्न हों?

शनि देव को न्याय के देवता कहा जाता है। वे कर्मों के अनुसार फल देने वाले देव हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों, तो जीवन में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं। लेकिन अगर शनि देव प्रसन्न हो जाएं, तो वह व्यक्ति सफलता, सम्मान और सुख-समृद्धि प्राप्त करता है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। आइए जानते हैं कि शनिवार को क्या करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और काले वस्त्र पहनें
शनिवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना शुभ माना जाता है। इसके बाद शुद्ध मन से काले या नीले वस्त्र धारण करें क्योंकि यह रंग शनि देव को प्रिय है।
2. शनि मंदिर में दर्शन करें या पीपल के वृक्ष की पूजा करें
यदि पास में शनि देव का मंदिर हो तो वहां जाकर तेल चढ़ाएं और शनि स्तोत्र, शनि चालीसा या दशरथ कृत शनि स्तुति का पाठ करें।
यदि मंदिर न हो, तो पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, जल अर्पित करें और सात परिक्रमा करें।
3. काले तिल, लोहे या सरसों के तेल का दान करें
शनिवार को दान करना विशेष फलदायक होता है। विशेष रूप से काले तिल, लोहे की वस्तुएं, कंबल, और सरसों का तेल दान करने से शनि दोष में कमी आती है।
4. गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करें
शनि देव गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों में वास करते हैं। उनके प्रति सहानुभूति और सेवा भाव दिखाने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
5. मांस, शराब, झूठ और क्रोध से दूर रहें
शनिवार को सात्विक जीवन शैली अपनाएं। किसी का दिल न दुखाएं, झूठ न बोलें और व्यर्थ विवाद से बचें। इससे शनि देव के कोप से बचा जा सकता है।
6. हनुमान जी की उपासना करें
शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोष दूर होता है, क्योंकि शनि स्वयं हनुमान भक्त हैं। बजरंग बाण, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ विशेष लाभ देता है।
7. नीले फूल और काले रंग के प्रसाद का भोग लगाएं
शनिवार को शनि देव को नीले रंग के पुष्प और उड़द या तिल से बने पकवानों का भोग लगाएं। इससे वे प्रसन्न होते हैं।
शनिवार को यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक उपरोक्त उपाय किए जाएं, तो शनि देव प्रसन्न होकर जीवन से कष्टों को दूर कर सकते हैं। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे हृदय से प्रार्थना और सेवा भावना जरूरी है। याद रखें, शनि देव हमें हमारे कर्मों का फल देते हैं, इसलिए अच्छे कर्म करें और शनि देव की भक्ति में मन लगाएं।