नंदी महाराज की बढ़ती हुई मूर्ति का रहस्य

क्या कोई पत्थर की मूर्ति सच में ज़िंदा हो सकती है…? क्या समय के साथ कोई मूर्ति सचमुच बड़ी हो सकती है…?
यह सवाल आज विज्ञान और आस्था—दोनों के सामने खड़ा है। हम बात कर रहे हैं नंदी महाराज की उस रहस्यमयी मूर्ति की, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह हर साल थोड़ी-थोड़ी बढ़ती जा रही है।
भारत के एक प्राचीन शिव मंदिर में स्थित यह नंदी मूर्ति सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि एक चमत्कार बन चुकी है।
स्थानीय लोग कहते हैं — “जब से हमने होश संभाला है, नंदी जी की मूर्ति हर साल थोड़ी-सी बड़ी हो जाती है। पहले जो छोटे बच्चे उनके सींग तक पहुँच जाते थे, अब वो सींग उनके सिर से भी ऊपर हैं।”
वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक मौसम प्रभाव मानते हैं – जैसे पत्थर का फैलना या मिट्टी का स्तर बदलना। लेकिन सवाल यह है कि केवल नंदी की मूर्ति ही क्यों बढ़ रही है? मंदिर के बाकी पत्थर वैसे ही क्यों हैं?कई शोध हुए, माप लिए गए, लेकिन हर बार नंदी महाराज की मूर्ति में बदलाव दर्ज हुआ।कुछ लोगों ने इसे अफवाह कहा…कुछ ने इसे ईश्वर की लीला मानकर नमन किया।
भक्त कहते हैं –
“यह नंदी महाराज की चेतन उपस्थिति है। वे आज भी शिव के द्वारपाल की भूमिका निभा रहे हैं, और उनका बढ़ना कलियुग में उनकी जागरूकता का संकेत है।”
विरोधी कहते हैं –
“यह बस लोगों की कल्पना है, कुछ मनोवैज्ञानिक भ्रम और प्राकृतिक प्रक्रिया।”तो क्या नंदी महाराज की मूर्ति सचमुच बढ़ रही है…?या यह सिर्फ विश्वास और भावनाओं का असर है…?
यह रहस्य आज भी सुलझा नहीं।
लेकिन इतना तय है —
जहाँ विज्ञान रुक जाता है, वहाँ भक्ति शुरू होती है।
“बढ़ती जा रही है नंदी महाराज की मूर्ति! चमत्कार या भ्रम?”
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